Last modified on 17 अक्टूबर 2013, at 16:32

पै‘लापै‘ल (5) / सत्यप्रकाश जोशी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:32, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आज अंबर रा लिलाड़ माथै
चळापळ तारां री
अणगिण टीकियां
पळपळावै, चमचमावै, मुसकरावै।

पण पै‘लापै‘ल
जद थूं म्हारैं आंटीलै भंवारां बीच
रतनालै हींगळू री
टीकी देवण लाग्यो
तौ म्हैं छळगारी लाज रै फरमांण
माथौ नीचौ कर लीनौ।