Last modified on 17 अक्टूबर 2013, at 19:42

मेह / श्याम महर्षि

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:42, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

टिटूड़ी रौ बोकणै
अर चांद री
बादळ्यां सूं
होंवती रैयी
लुक मिचणी
आखी रात,

पळकती बिजळीं
अर गरजता बादळ
ढळती रात रा
आभै मांय
मचावै तुरळ,

उजाळै रो
इन्दरधनख
बिरखा सूं
भीज‘र
करै सरूआत
नूंवैं दिन री,

नाचै-कूदै अर
गावै टाबर
बीच गवाड़
मेह बाबो आवै
सीटा-पोळी ल्यावै।