Last modified on 18 अक्टूबर 2013, at 20:51

प्रीत-12 / विनोद स्वामी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:51, 18 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

म्हैं
सगळो जोर लगा धापतो
पण बेरो कोनी
किसी माटी री बणी तूं
मीठी ई लागती
अर खारी ई
जाणै आक,
पांथ में काट लेंवती जद
मेरी सासू रो नाक।