Last modified on 18 अक्टूबर 2013, at 21:09

प्रीत-22 / विनोद स्वामी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:09, 18 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जांटी रै पेडै चढती
तोरूं री बेल,
आपणै प्यार नै
समझ बैठी खेल।
देखा देखी आपणै
उळझ बैठी
जंटियै में।