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एक वादा / नीरजा हेमेन्द्र

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जब जिन्दगी का रास्ता/ होता है शुरू
और शुरू होता है एक
निरन्तर संधर्ष
जीवन की तमाम चढ़ाओं-उतारों
और बीहड़ो से
दुल्हन- सी सजी सवँरी जिन्दगी
अपने आँचल को समेटने लगती है
थक कर अपनी पलकों को -बन्द कर लेती है
तब उसे स्निग्ध मुस्कान और
उन्मुक्त खिलखिलाहट देता है
तुम्हारे साथ होने का अहसास
तुम्हारा
सिर्फ तुम्हारा अहसास
जो प्रेरणा बन कर/मेरे निर्दिष्ट लक्ष्य की ओेर
निरन्तर संकेत करता है।