जावै
जोत स्यूं
घणोे ऊंचो
नुगरो धुंऊं
पण कोनी
देवै
इण कुळ कळंकी नै
मोटो गिगनार
शरण
आ तो
समदीठ लौ
जकी बणा देवै
इण अ़ांख फोड़ै नै
काजळ !
जावै
जोत स्यूं
घणोे ऊंचो
नुगरो धुंऊं
पण कोनी
देवै
इण कुळ कळंकी नै
मोटो गिगनार
शरण
आ तो
समदीठ लौ
जकी बणा देवै
इण अ़ांख फोड़ै नै
काजळ !