Last modified on 24 मार्च 2014, at 15:08

अम्मा / अशोक 'अग्यानी'

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:08, 24 मार्च 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक 'अग्यानी' |अनुवादक= |संग्रह= }} {{...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आपनि भासा आपनि बानी अम्मा हैं।
भूली बिसरी कथा कहानी अम्मा हैं।

धरी हुवैं दालान मा जइसे बेमतलब,
गठरी फटही अउर पुरानी अम्मा हैं।

नीक लगै तौ धरौ, नहीं तौ फेंकि दियौ,
घर का बासी खाना – पानी अम्मा हैं।

मुफति मा माखन खाँय घरैया सबै, मुला
दिन भर नाचैं एकु मथानी अम्मा हैं।

पूरे घरु क भारु उठाये खोपड़ी पर,
जस ट्राली मा परी कमानी अम्मा हैं।

जाड़ु, घामु, बरखा ते रच्छा कीन्ह करैं,
बरहौं महिना छप्पर-छानी अम्मा हैं।

लरिका चाहे जेतना झगड़ा रोजु करैं,
लरिकन ते न कबौ-रिसानी अम्मा हैं।

ना मानौ तौ पिछुवारे की गड़ही हैं,
मानौ तौ गंगा महरानी अम्मा हैं।

‘अग्यानी’ न कबौ जवानी जानि परी,
बप्पा ते पहिलेहे बुढ़ानी अम्मा हैं।