Last modified on 8 अप्रैल 2014, at 10:18

टीवी की शौकीन हमारी नानी जी / यश मालवीय

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:18, 8 अप्रैल 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=यश मालवीय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaalKa...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

टीवी की शौकीन हमारी नानी जी।
खाती हैं नमकीन हमारी नानी जी।

जीवन बीता कभी मदरसे नहीं गईं,
भैंस के आगे बीन हमारी नानी जी।

नाना जी परतंत्र दिखाई देते हैं,
रहती हैं स्वाधीन हमारी नानी जी।

गली मुहल्ले नुक्कड़ की अफवाहों पर,
करतीं नहीं यकीन हमारी नानी जी।

बिन साबुन पानी जाड़े के मौसम में,
होतीं ड्राई क्लीन हमारी नानी जी।

चढ़ा पेट पर सोमू तबला बजा रहा,
ताक धिना धिन धीन हमारी नानी जी।

गलत बात सुनकर गुस्से में आ जातीं,
तेज धूप में टीन हमारी नानी जी।

घर पर बैठे-बैठे खटिया ही तोड़ें,
सोचें भारत-चीन हमारी नानी जी।

जितना नया-नया नाती है गोदी में,
उतनी हैं प्राचीन हमारी नानी जी।