अल्ला रे अल्ला होता न मनुष्य मैं, होता करमकल्ला। रूखे कर्म जीवन से उलझता न पल्ला। चाहता न नाम कुछ, माँगता न दाम कुछ करता न काम कुछ, बैठता निठल्ला- अल्ला रे अल्ला