कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा
भानमती ने कुनबा जोड़ा
कुनबे ने भानमती गढ़ी
रेशम से भाँड़ी, सोने से मढ़ी
कवि ने कथा गढ़ी, लोक ने बाँची
कहो-भर तो झूठ, जाँचो तो साँची
कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा
भानमती ने कुनबा जोड़ा
कुनबे ने भानमती गढ़ी
रेशम से भाँड़ी, सोने से मढ़ी
कवि ने कथा गढ़ी, लोक ने बाँची
कहो-भर तो झूठ, जाँचो तो साँची