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साँचा:KKPoemOfTheWeek

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मजदूर का जन्म
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एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ ! हाथी सा बलवान, जहाजी हाथों वाला और हुआ ! सूरज-सा इन्सान, तरेरी आँखोंवाला और हुआ !! एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ! माता रही विचार, अँधेरा हरनेवाला और हुआ ! दादा रहे निहार, सबेरा करनेवाला और हुआ !! एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ ! जनता रही पुकार सलामत लानेवाला और हुआ ! सुन ले री सरकार! कयामत ढानेवाला और हुआ !! एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !