Last modified on 30 मई 2014, at 12:42

जय पार्वती माता / आरती

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:42, 30 मई 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अष्टक   ♦   आरतियाँ   ♦   चालीसा   ♦   भजन   ♦   प्रार्थनाएँ   ♦   श्लोक

 
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥
अरिकुल पद्म विनासनि जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता॥ जय...

सिंह को वाहन साजे, कुण्डल है साथा।
देव वधू जह गावत, नृत्य करत ता था॥
सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी, सखियन संगराता॥ जय...

शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्याता।
सहस्त्र भुज तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥
सृष्टि रूप तुही है, जननी शिवसंग रंगराता।
नन्दी भृङ्गी बीन लही सारा मदमाता॥ जय...

देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली, मन में रङ्गराता॥
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।
सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता॥ जय...