Last modified on 7 जून 2014, at 15:11

अंतर / सुशान्त सुप्रिय

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:11, 7 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुशान्त सुप्रिय |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

महँगे विदेशी टाइल्स
और सफ़ेद संगमरमर से बना
आलीशान मकान ही
तुम्हारे लिए घर है
जबकि मैं
हवा-सा यायावर हूँ

तुम्हारे लिए
नर्म-मुलायम गद्दों पर
सो जाना ही घर आना है
जबकि मेरे लिए
नए क्षितिज की तलाश में
खो जाना ही
घर आना है