Last modified on 2 जुलाई 2014, at 14:46

असंगत / नीलोत्पल

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:46, 2 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नीलोत्पल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बहुत ज्यादा जानना जरूरी नहीं
ज्ञान इतना कि मौन रहना सीख जाएँ
प्रेम निष्फल कामना है
अत्यधिक बारिश शब्दों में रहती है

आदर्श गुस्सा रूठे प्रेमी की तरह होता है
न शब्द है, न उनकी जगह
किसी खाली वितान में
असंभव सी रोशनी उठती है

दूर कहीं ग्वाले ने नदी पार कर ली
नदी में संगीत बजता है
संगीत इतना तरल है कि कविताएँ
कसमसाने लगती है

एक कवि विफल होता है बहुत सारे मौन-से