Last modified on 9 जुलाई 2014, at 20:31

मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय / हरियाणवी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:31, 9 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=जन...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
जेवर मत मांगो नन्दी डिब्बों का सिंगार
जेवर में से आरसी दूंगी छलला लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
तीयल मत मांगे नन्दी बुगचे का सिंगार
कपड़े में मैं अंगिया दूंगी मुलकत लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
बर्तन मत मांगो नन्दी चौके का सिंगार
बर्तन में मैं कटोरा दूंगी तल्ला लेऊं निकाल