हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हुई है सुनहली रात सजन आए हरे हरे
सजन आये मोरे अंगना
आओ दादी बाबा आओ सब मंगल गाओ
सजन आये मोरे अंगना
आओ अम्मा बाबुल आओ सब मंगल गाओ
सजन आये मोरे अंगना
आओ भैया भाभी आओ अब ना देर लगाओ
सजन आये मोरे अंगना
आओ सखियो आओ सब उत्सव रचाओ
सजन आये मोरे अंगना
पीले हाथ करो लाडो के पीले हाथ करो लाडो के
सजन आये मोरे अंगना
दूधों नाहये पूतों फले सुख सौभाग्य इसे दिन दूना
सजन आये मोरे अंगना