Last modified on 11 जुलाई 2014, at 16:34

बनड़े सीस तेरे का सेहरा / हरियाणवी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:34, 11 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=शा...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बनड़े सीस तेरे का सेहरा, बनड़े कान तेरे के मोती
मोहे बखसो ना जी बनड़ा
बनड़ी जो देखो सोए मांगों, घर के लडैंगे ए बनड़ी
रायबर घर क्यां तै डरो था, क्यों परणों थे जी बनड़ा
बनड़ी बालक सा ब्हाह्या था, अब सुध आई है बनड़ी
बनड़ा गल तेरे का तोड़ा, बनड़ा अंग तेरे का जामा
मोहे बखसो ना जी बनड़ा
बनड़ी जो देखो सोए मांगों, घर के लड़ैंगे ए बनड़ी
रायबर घर क्यां तै डरो था, क्यों परणों थे जी बनड़ा
बनड़ी बालक सा ब्हाह्या था, अब सुध आई है बनड़ी
बनड़ा हाथ तेरै की घड़िआं, बनड़ा पैर तेरे का जूता
मोहे बखसो ना जी बनड़ा