Last modified on 13 जुलाई 2014, at 14:58

ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे / हरियाणवी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:58, 13 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=शा...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे
थारे पीहर में गोरी धन! कौन पियारा
नींबू पाकन लागे।
एक पियारा अपना बाबुल भी कहिये
दूजी तो पियारी मेरी लाड लडन्ती माय
एक पियारा मुझे अपना बीरन लागे
दूजी दुलारी हमें लाल भवजिया
नींबू पाकन लागे।
इन रे बातों गोरी धन खारी भी लागी
देंगे तुम्हें मन से बिसार
फूल फूलन लागे।
ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे
ससुराल में गोरी धन कौन पियारा
नींबू पाकन लागे।
एक पियारा हमें सौहरा जी कहिये
दूजी पियारी हमें सास सपूती जी
फूल फूलन लागे।
एक पियारी हमें अपनी नन्दल लागे
दूजा प्यारा हमें नन्दी का बीर
फूल फूलन लागे।
इन बातों में गोरी हमें प्यारी भी लागे
देंगे तुम्हें अगड़ घड़ाय
फूल फूलन लागे।