Last modified on 14 जुलाई 2014, at 19:42

जवाहर लाल भी रह्या करें थे / हरियाणवी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:42, 14 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=हरियाणवी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=मह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जवाहर लाल भी रह्या करें थे साथ गांधी की
सब दुनिया नै मानी साची बात गांधी की
चरचा थी खूब होण लागी दिन रात गांधी की
सरब बियापक थे एक नहीं थी जात गांधी की
हाथ हथकड़ी पायां बेड़ी यो गहणा गांधी का
सौ सौ बार हुआ जेलां में रहणा गांधी का
जो मिल रा सै सुराज हम नै यो लहणा गांधी का
मिल कै नै सारी कौम रहो यो कहणा गांधी का
हिन्द की ऊंची कर दी सज्जनों सान गांधी नै
चकरबरती राजा करै हैरान गांधी नै
देस की खातर खो दी अपनी जान गांधी नै
एक बार फिर पैदा कर भगवान गांधी नै