कब लौट के आओगे बता क्यों नहीं देते
दीवार बहानों की गिरा क्यों नहीं देते
तुम पास हो मेरे तो पता क्यों नहीं चलता
तुम दूर हो मुझसे तो सदा क्यों नहीं देते
बाहर की हवाओं का अगर खौफ है इतना
जो रौशनी अंदर है, बुझा क्यों नहीं देते
कब लौट के आओगे बता क्यों नहीं देते
दीवार बहानों की गिरा क्यों नहीं देते
तुम पास हो मेरे तो पता क्यों नहीं चलता
तुम दूर हो मुझसे तो सदा क्यों नहीं देते
बाहर की हवाओं का अगर खौफ है इतना
जो रौशनी अंदर है, बुझा क्यों नहीं देते