Last modified on 30 सितम्बर 2014, at 22:44

राग-बीज / रश्मि रेखा

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:44, 30 सितम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रश्मि रेखा |अनुवादक= |संग्रह=सीढ़...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम्हारे स्नेह की रोशनाई ने
भर दिए मेरी कलम में अशेष शब्द
जिसे तुम्हीं ने दिया था कभी
बनाए रखने को अपना वजूद
तुम्हारे नाम का एक-एक अक्षर
बोने लगा राग-बीज
बदलने लगे जीने के अर्थ
समय पर अंकित होने लगा इंतजार
अच्छी लगने लगीं
किताबों की बातें
बेमतलब की बातें
 दुनिया-जहान की
आत्मा में गहरे उतर आया
मेरे नाम में निहित तुम्हारा नाम