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चेत‍उनी / पढ़ीस

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छाँड़ि - छाड़ि अगर -मगर
चलउ भाई डगर-डगर!
जोती भइ मलीनि तउनि
जागि उठयि जगर - मगर।
चलउ भाई डगर-डगर!
लरिका चिल्लायि चले,
बिटिया बिल्लायि उठी;
रॉह भइ कुरॉह तिहिते
पाउॅ परयिं लहर - बहर।
बरन बने चारि मुलउ <ref>किन्तु</ref>
जाति दददू! याकयि <ref>एक ही</ref> आयि?
छुआ - छुति छोपि, बूड़े
जाउ कोह हपर -हपर<ref>हाफने की प्रक्रिया, दु्रतगति से साँस लेने की क्रिया</ref>
चलउ भाई डगर-डगर!
जिहि मा सुख होयि, तउनि
रॉह चलउ नीकि नीकि।
कोई करयि चहयि तउनु,
तुम न करउ सगर-बगर<ref>किंकर्तव्यमूढ़ता, निश्चयहीनता</ref>।
चलउ भाई डगर-डगर!
आपुस <ref>आपस, एक दूसरे के साथ</ref> की फूट अयिसि
बढ़ी हयि कि रामु हरे।
लड़उ रोजु - रोजु, मरउ
भूँखन कयि हकर - हकर <ref>थक कर श्लथ<ref>चूर</ref> हो जाना</ref>।
चलउ भाई डगर-डगर!
मुसलमान, हिन्दू अउ,
किरिहटान<ref>क्रिश्च्यन, ईसाई, क्रिस्टान</ref> सबु कोई
हिलि - मिलि कयि चलउ,
नाहीं धरे रहउ सटर - पटर<ref>हतप्रभ होना</ref>।
चलउ भाई डगर-डगर!
तुम बड़े पढ़ीस हउ त
खुबयि खूब पढ़ि, सवाचउ<ref>सोचना</ref>
धरमु चिल्लाति हयि तुम
देखि रह्यउ भटर-भटर<ref>अनिमेष, आँखे फाड़ कर देखना</ref>।
चलउ भाई डगर-डगर!

शब्दार्थ
<references/>