Last modified on 25 जनवरी 2015, at 14:34

कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में(ऋतु वर्णन) / पद्माकर

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:34, 25 जनवरी 2015 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में
          क्यारिन में कलिन में कलीन किलकंत है.
कहे पद्माकर परागन में पौनहू में
          पानन में पीक में पलासन पगंत है
द्वार में दिसान में दुनी में देस-देसन में
          देखौ दीप-दीपन में दीपत दिगंत है
बीथिन में ब्रज में नवेलिन में बेलिन में
          बनन में बागन में बगरयो बसंत है