Last modified on 1 फ़रवरी 2015, at 11:22

भुवरी भंइस / विनय राय ‘बबुरंग’

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:22, 1 फ़रवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनय राय ‘बबुरंग’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दुसरा क फसल देखि
रउवा मत ललचीं
नाहीं त हाथ-गोड़
टूट जाई
बनल आचरण लुट जाई
देखे के बा त
आपन फसल देखीं
आ संतोस करीं कि
ससुराल से
ईहे भुवरी भइंस
हमरा करम में
मिलल ह
आ विस्व सुन्दरी
प्रतियोगिता में
अउवल आइल है।।