Last modified on 9 जुलाई 2015, at 12:31

चलो सुनाओ नई कहानी / दिविक रमेश

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:31, 9 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} {{KKCatBaalKavita}} <p...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अगर सुनानी तो नानू बस
झट सुना दो एक कहानी
देर करोगे तो सच कहती
अभी बुलाती हूँ मैं नानी

बोली डोलू बहुत ‘बिजी’ हूँ
तुम तो नानू बिल्कुल खाली
कितने काम पड़े हैं मुझको
नहीं मैं ज्यादा रूकने वाली

टीवी अभी देखना मुझको
होम वर्क अभी करना है
कम्प्यूटर पर अभी खेलना
फोन सहेली को करना है

नानू इसीलिए कहती हूँ
झट कहानी मुझे सुनाओ
चली गई तो पछताओगे
मत इतना नानू इतराओ

नहीं आऊँगी नानू फिर मैं
चाकलेट भी अगर दिखाओ
शुरू करो अब शुरू करो न
चलो कहानी अभी सुनाओ।

सोचूँगी नानू हैं बुद्धु
अगर सुनाई नहीं कहानी
पुस्तक से ही पढ़ लूंगी मैं
एक नई से नई कहानी।