हवा चले तेज़-तेज़
चले पवनचक्की,
चक्की में ख़ूब पिसे,
गेंहूँ और मक्की।
आटे से केक बने
और बने रोटी,
खा-खाकर गुड़िया भी,
हो जाए मोटी।
हवा चले तेज़-तेज़
चले पवनचक्की,
चक्की में ख़ूब पिसे,
गेंहूँ और मक्की।
आटे से केक बने
और बने रोटी,
खा-खाकर गुड़िया भी,
हो जाए मोटी।