Last modified on 14 जुलाई 2015, at 11:26

मेरा देश / शेरजंग गर्ग

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:26, 14 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शेरजंग गर्ग |संग्रह= }} {{KKCatBaalKavita}} <poem> म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेरा देश, सलोना देश,
सचमुच चाँदी-सोना देश।

पर्वत-घाटी वाला देश,
सोंधी माटी वाला देश।
मीठे झरनों वाला देश,
जग में बहुत निराला देश।

आगे-आगे बढ़ता देश,
नहीं किसी से लड़ता देश।
मेरा देश, सलोना देश,
सचमुच चाँदी-सोना देश।

प्यारों से भी प्यारा देश,
न्यारों से भी न्यारा देश।
ज्यों आँखों का तारा देश,
मेरा और तुम्हारा देश।

जग को राह दिखाता देश,
गीत प्यार के गाता देश।
मेरा देश, सलोना देश,
सचमुच चाँदी-सोना देश।

पावन इसे बनाती गंगा,
ऊँचा रखता इसे तिरंगा।
विश्व शान्ति है इसका नारा,
ऐसा भारतवर्ष हमारा।

काम अनोखे करता देश,
नित-नित नया निखरता देश।
मेरा देश, सलोना देश,
सचमुच चाँदी-सोना देश।