Last modified on 5 अगस्त 2015, at 11:19

मुग्धा-विमुग्धा / राजकमल चौधरी

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:19, 5 अगस्त 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजकमल चौधरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आम्रवृक्ष: काँच, सिनुरैल, कोसाबला फलसँ नमल-झुकल
जाह्नवी कछमछ करैत, अकच्छ होइत, गोमुखसँ जन्मल
बसात: एखन उच्छृखंला निर्झरी, एखन परम शान्त-शीतल
कत्तउ केहेन उत्थर, कत्तउ भारी गहीड़ आ अथाह
उबडुब करइए अज्ञात सिन्धुमे अनकसल नाह

छोड़ि दिअ लग्गासँ थाहब ई अनचिन्हार जलधार
प्रतीक्षा करू, उगत चन्द्रमा छनहिमे पर्वतक ओहि पार