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जाड़ा लगे / कन्हैयालाल मत्त

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जाड़ा लगे जाड़ा लगे
जड़न पुरी,
ठंडी-ठंडी हवा लगे
बहुत बुरी।
भेड़ नानी, भेड़ नानी
दे दो कुछ ऊन,
मम्मी जी बुनेंगी मेरे-
कोट, पतलून।
मुन्ने राजा मुन्ने राजा
ऊन लोगे,
मम्मी जी से पैसे ला के-
कित्ते दोगे?
भेड़ नानी, भेड़ नानी
खूब करारे,
मम्मी जी के बटुए के
नोट सारे।