आटे-बाटे दही पटाके,
सोलह सोलह सबने डाटे।
डाट-डूटकर चले बजार,
पहुँचे सात समंदर पार।
सात समंदर भारी-भारी,
धूमधाम से चली सवारी।
चलते-चलते रस्ता भूली,
हँसते-हँसते सरसों फूली
फूल-फालकर गाए गीत,
बंदर आए लंका जीत।
जीत-जात की मिली बधाई,
भर-भर पेट मिठाई खाई।