मैं हूँ
एक मूंगा
यादों के समुद्र में
और प्रतीक्षा करता हूँ
हवा की I
राजकुमारी
मछली
लिटा दो मुझे
और अपने कण्ठ को
यही चाहता था
मेरा नसीब
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित
मैं हूँ
एक मूंगा
यादों के समुद्र में
और प्रतीक्षा करता हूँ
हवा की I
राजकुमारी
मछली
लिटा दो मुझे
और अपने कण्ठ को
यही चाहता था
मेरा नसीब
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित