Last modified on 8 दिसम्बर 2015, at 00:22

नदी अहल्या / रंजना जायसवाल

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:22, 8 दिसम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह=ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैं नदी हूँ
रास्ता बनाना जानती हूँ
उतर आती हूँ
ऊँचे पहाड़ों से
ढकेल देती हूँ
शिलाओं को
गिरती हूँ
ऊँचे प्रपातों से
वनों और कन्दराओं में
भूल जाती हूँ रास्ता
रूकती नहीं
बढ़ती रहती हूँ निरन्तर
कोई नहीं आता
मुझे राह दिखाने
रास्ता खुद बनाती हूँ
और अपने बनाए
रास्तों से
पहुँचती हूँ
समुद्र तक
मैं नदी हूँ।