ये कुछ दिन शेरशाह के यहाँ ऊँचे पद पर थे,पीछे अकबर के समय में भूमिकर विभाग के मंत्री हुए. इनका जन्म संवत् १५५० में और मृत्यु संवत् १६४६ में हुई . टोडर कुछ दिनों तक बंगाल के सूबेदार भी थे. ये जाति के खत्री थे. इन्होंने शाही दफ्तरों में हिंदी के स्थान पर फ़ारसी का प्रचार किया जिससे हिंदुओं का झुकाव फ़ारसी कि तरफ़ हुआ. ये प्राय: नीति संबंधी पद्य कहते थे.इनकी कोई पुस्तक ज्ञात नहीं है.