(शहीद मशीर-उल-हक और पाश के हर बच्चे के नाम)
मत रो, मुन्ने
तुम्हारे पिता-का सा पाप
मैंने भी किया
और समय का शाप
मैं भी झेलूँगा
तुम कल
मेरे बच्चों के संग
जी भर कर रोना.
(शहीद मशीर-उल-हक और पाश के हर बच्चे के नाम)
मत रो, मुन्ने
तुम्हारे पिता-का सा पाप
मैंने भी किया
और समय का शाप
मैं भी झेलूँगा
तुम कल
मेरे बच्चों के संग
जी भर कर रोना.