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एलियन / निदा नवाज़

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इस विशाल ब्रम्हाण्ड में फैले
असंख्य कहकशाओं में
बिखरे असंख्य ग्रहों में
कहीं न कहीं होगी
एक एलियन बस्ती
एलियन सभ्यता
एलियन संस्कृत
होंगे तो वे ज़रूर
अनेक जगहों पर
लेकिन
क्या उनके भी होंगे दिल
उनकी भी होंगी भावनाएं
क्या वे भी करते होंगे प्यार
किसी का इंतिजार
क्या वे भी देखते होंगे सपने
बस्ते होंगे यादों में
क्या उनके भी होंगे
अनेक धर्म, अनेक विचार
फिर क्या
वहां भी होती होंगी
लडाइयां, नफ़रतें
और मारधाड़.