कोसी मैया खल-खल-खल
सरंग फटै कि उमड़ै जल
बस्ती जंगल खानलेॅ जाय
गुस्सैलोॅ छै कोॅसी माय
हेलबैया संग गुरुओ तंग
ओ ना मा सी कोसी धंग।
कोसी मैया खल-खल-खल
सरंग फटै कि उमड़ै जल
बस्ती जंगल खानलेॅ जाय
गुस्सैलोॅ छै कोॅसी माय
हेलबैया संग गुरुओ तंग
ओ ना मा सी कोसी धंग।