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हल्ला-गुल्ला / अमरेन्द्र

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पों-पों, खट-खट
हल्ला-गुल्ला
भला लोग के
मूँ पर कुल्ला
दिन भर झन-झन
भारी आफत
इक दिन पुरतै
दुर्दिन, दुर्गत
बहरोॅ होतै
पागल होतै
आय नै होलै
तेॅ कल होतै।