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समदन / अंगिका

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बांसवा कटैतेॅ मैया हे संझौती न बीतलौं हे
मैया हे संझौती न बीतलौं हे मैया हे डोलिया रे सजाइतेॅ
भोर भीनसरेॅ रे कमरूआराज मैया कखनी न जाइवेॅ हे।
नहैतेॅ सोनैतेॅ मैया हे संझौती न बितलौ हे
मैया हे संझौती न बीतलौं हे मैया हे जुटवा रे सुखइतेॅ
भोर-भीनसरेॅ रे कमरूआ राज मैया कखनी न जाइवे हे।
चुनरी पहनतेॅ मैया हे संझौती न बीतलौं हे।
मैया हे जुटवा रे बन्धइतेॅ भोर भीनसरेॅ रे कमरूआ राज
मैया कखनी न जाइवेॅ हे।
पैरवा रंगइतेॅ मैया हे संझौती न बीतलौं हे...2
मैया हे नखवा रे रंगइतेॅ भोर-भीनसरेॅ रे कमरूआ राज
मैया कखनी न जाइवे हे।
गहना पहनतेॅ मैया हे संझौती न बीतलौं हे
मैया हे संझौती न बीतलौं हे।
मैया हे रूपवा रे सजैइतेॅ भोर-भीनसरेॅ रे कमरूआ राज
मैया कखनी न जाइवे हे।
कानतेॅ-खीजतेॅ मैया हे संझौती न बीतलौं हे।
मैया हे संझौती न बीतलौं हे मैया हे मिलतेॅ रे जुलतेॅ
भोर-भीनसरेॅ रे कमरूआ राज मैया कखनी न जाइवे हे।