Last modified on 9 जून 2016, at 03:38

हाथी / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:38, 9 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हाथी! सूँड़ छेकौं की हाथ?
अब तक बुझलौं नै ई बात
भारी-भारी बोझ उठावौ
सूँड़े से तोंय गाछ गिरावौ।

सूँड़े सें सूंघै छौं तोंय
पानी पीवी लै छै सोंय
कत्तेॅ मोटोॅ तोरोॅ खाल
कन्नें आँखै छौं? कन्नें गाल?

पीठ तोरोॅ ससरौआ छौं
बैठलोॅ वै पर कौआ छौं।