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खुदीराम बोस / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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खुदीराम के कथा सुनोॅ
भारत माय के व्यथा सुनोॅ
किंग्सफोर्ड अन्यायी के
भारत लाल ऊ चाकी के।

खुदीराम बच्चै सें वीर
दुश्मन के छाती में तीर
किंग्सफोर्ड के मारै लेॅ
दुश्मन केॅ सहारै लेॅ।

ऐलै खुदी समस्तीपुर
पर दुश्मन ऊ महिषासुर
बची निकललै भागोॅ सें
खुदीराम रं आगोॅ सें।

खुदी अठारह सालोॅ के
दुश्मन छेलै कालोॅ के
देशोॅ लेॅ फाँसी लै लेलकै
वन्दे मातरमें बस गैलकै।