Last modified on 9 जून 2016, at 03:51

चन्दन नदी / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:51, 9 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कल-कल कलकल बहलोॅ जाय;
चन्दन माय।
वन-पर्वत केॅ गला लगाय;
चन्दन माय।
अंगदेश के मान बढ़ाय;
चन्दन माय।
जैठौरोॅ केॅ तीर्थ बनाय;
चन्दन माय।
मत पूछोॅ कुछ, जों गोस्साय
चन्दन माय।
की होलै जे कानली माय;
चन्दन माय।
आगू बढ़ै नै; घुरली जाय
चन्दन माय।