Last modified on 10 जून 2016, at 22:38

मछली / अमरेन्द्र

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:38, 10 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमरेन्द्र |अनुवादक= |संग्रह=ढोल ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मछली रानी छल-मल-छल
जत्तेॅ उछलै, ओत्तेॅ जल

चोइयाँ चमचम पन्नी रं
चानी केरोॅ चैवन्नी रं
गजगज तारा झुक्कोॅ फूल
पीठीं-छाती चाट्ठोॅ शूल

तोहरोॅ वास्तें पोखरी जेहनोॅ
होने बोहोॅ खल-खल-खल ।

केना चलै छोॅ एत्तेॅ तेज
कहाँ सुतै छोॅ, कथी के सेज
जलो में गरमी लगै छौं की
पंखे रं डोलौं पुछड़ी

के सिखलैलकौं तैरै लेॅ ई
करवा आदत अदल-बदल ?