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महाकवि सुमन सुरो / अमरेन्द्र

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सादा-सीधा भेष दिखै
कविता, खिस्सा, लेख लिखै

बकबक करै नै, चुप्पे मौन
भरलोॅ भादोॅ, सुखलोॅ सौन

सुमन कवि के बड़ा अमोल ?
एक सुरोॅ मेॅ ‘सुरो’ बोल