Last modified on 2 जुलाई 2016, at 02:43

मंगलाचरन / पतझड़ / श्रीउमेश

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:43, 2 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीउमेश |अनुवादक= |संग्रह=पतझड़ /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मंगलमय भगवान सत्य छै शिव छै सुन्दर छै सब काल।
हुनका करुणा सें प्रतिपालित छै प्रतिपल ब्रह्माण्ड विसाल॥
परमेस्वर के सरनागत छै सकल जीव-सौंसे संसार।
यैसे जै-जैकार करै छै गाबै छै महिमा विस्तार॥