Last modified on 2 जुलाई 2016, at 02:48

सर्वे / पतझड़ / श्रीउमेश

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:48, 2 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीउमेश |अनुवादक= |संग्रह=पतझड़ /...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सर्वे के बकतीं हाकिम के लगलोॅ छै कचहरी यहाँ।
गामोॅ के लोगोॅ केॅ तंग करै छै हाकिमें जहाँ-तहाँ॥
मँगरू के खेतोॅ पर देखोॅ चढ़लोॅ छै खखरू के नाम।
नाम चढ़ै छै ओकरे जे घूसोॅ में दै छै पूरा दाम॥
सर्बे के ई क्रूर-काल में, घूसोॅ के छै अद्भुत खेल।
जनता आरू आफीसर में, होतै भला कहाँ सें मेल?
हम्में सब कुछ देखै छी, कानै छेॅ मंगरू जार-बेजार।
ऊ गरीब छै, के सुनतै? ओकरोॅ के लागतै आज गुहार?