निःस्सार है संसार
ठहरे पानी में वृत्त की तरह फैलता है
एक बयान
बंजर ज़मीन
अपने बंजरपन पर नाज़ करने लगती है
लगभग ठीक उसी वक़्त
एक शिशु
इस पृथ्वी पर अपनी पहली किलकारी मारता है...
निःस्सार है संसार
ठहरे पानी में वृत्त की तरह फैलता है
एक बयान
बंजर ज़मीन
अपने बंजरपन पर नाज़ करने लगती है
लगभग ठीक उसी वक़्त
एक शिशु
इस पृथ्वी पर अपनी पहली किलकारी मारता है...