भगवतीचरण वर्मा की कविताएं
- कुछ सुन लें, कुछ अपनी कह लें / भगवतीचरण वर्मा
- आज शाम है बहुत उदास / भगवतीचरण वर्मा
- तुम सुधि बन-बनकर बार-बार / भगवतीचरण वर्मा
- तुम मृगनयनी / भगवतीचरण वर्मा
- मैं कब से ढूँढ़ रहा हूँ / भगवतीचरण वर्मा
- तुम अपनी हो, जग अपना है / भगवतीचरण वर्मा
- देखो-सोचो-समझो / भगवतीचरण वर्मा
- पतझड़ के पीले पत्तों ने / भगवतीचरण वर्मा
- कल सहसा यह सन्देश मिला / भगवतीचरण वर्मा
- संकोच-भार को सह न सका / भगवतीचरण वर्मा