Last modified on 29 जुलाई 2016, at 00:43

राम रस पीवत पीर गई / संत जूड़ीराम

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:43, 29 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संत जूड़ीराम |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

राम रस पीवत पीर गई।
बलहारों सतगुरु चरनन की गत मत ठान ठई।
पूरन पद परगास रैन दिन उर आनंद छई।
सकल सोच भ्रम दूर गमायो दुबदा दूर भई।
जूड़ीराम एक मत डोली भगत अटूट लई।