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अॿोझ / गोपाल ठकुर

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मां अबोझ आहियां
अहिड़ो ॾेखाउ नथो करियां
घर जे फ़र्श जे सिरुनि अन्दर
पंहिंजो वजूदु लिकाए रखियो अथमि
बिस्कूट जे दॿनि में
रहिजी वियल भोरि आंउ खां थो
बाथरूम में लेफ़्ट-आऊट
साबुण जा पीस
इस्तइमाल करियां थो
गर को टुकिरो विद्रोहु करे
हथनि मां खिसिकी वञे
खेसि दॿाए रखां थो
पुट जी चिथरायल गंजी पायां थो
वॾे पुट जी गसी वियल शर्ट
संभाले रखां थो।