Last modified on 7 अक्टूबर 2016, at 01:36

नओं जनम / अर्जुन ‘शाद’

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:36, 7 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्जुन मीरचंदाणी 'शाद' |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हर घड़ीअ मां नओं जनम वठां थो
छो जो
माज़ी मुहिंजे ज़हन ते
को बि निशान नथो छॾे
मौत खे
बे निशान मुस्तकबिल जो तसव्वुर आहे
इन करे
उहो बि मुंहिंजे लाइ
का माना नथो रखे।